“वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के लिए अपना बजट भाषण 2 घंटे 42 मिनट में पूरा किया था। यह अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण था। इसके उलट गुरुवार को उन्होंने अपना छठा बजट पेश करते हुए चौंका दिया। यह उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण था। बहुतों को उम्मीद थी कि सीतारमण अंतरिम बजट में कुछ बड़ा धमाका करेंगी। चूंकि यह बजट लोकसभा चुनाव से पहले आ रहा था ऐसे में लोगों को कुछ बड़ी लोकलुभावन घोषणाओं की आस थी। ऐसे ही लोगों में इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स भी थे। वे टैक्स स्लैब में कटौती को करीब-करीब तय मान रहे थे। हालांकि, सीतारमण ने उन्हें निराश किया। उन्होंने टैक्स स्लैब में किसी भी तरह के बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया।**
1. बजट भाषण का अवलोकन
- 1.1 बजट भाषण की अद्भुतता
- 1.2 सीतारमण के भाषण की अद्वितीयता
2. बजट भाषण की दीर्घकालिकता
- 2.1 सबसे लंबा बजट भाषण
- 2.2 छोटे बजट भाषण का आश्चर्य
3. लोकसभा चुनाव से पहले की उम्मीदें
- 3.1 लोकलुभावन घोषणाएं
- 3.2 इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स की आशा
4. बजट भाषण की निराशा
- 4.1 टैक्स स्लैब में कटौती का अभास
- 4.2 इंडिविजुअल इनकम पर कोई बदलाव नहीं
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ दिया। इस भाषण का आयोजन लोकसभा चुनाव से पहले हुआ था, और लोग इससे कई महत्वपूर्ण घोषणाएं और योजनाएं की आशा कर रहे थे। हम इस लेख में उन विषयों पर बात करेंगे जिन्हें सीतारमण ने अपने बजट भाषण में छूने का प्रयास किया और उन्होंने कैसे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास किया।
1. बजट भाषण का अवलोकन
1.1 बजट भाषण की अद्भुतता
सीतारमण के बजट भाषण की अद्भुतता का मुख्य कारण उनके विवेकपूर्ण उपयोग और स्वतंत्र रूप से योजनाएं घोषित करना था। उन्होंने अच्छे संरचनित भाषण से लोगों को यह महसूस कराया कि सरकार गंभीर है और देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए पूरी तरह समर्थ है।
1.2 सीतारमण के भाषण की अद्वितीयता
उनके भाषण की अद्वितीयता में एक और बड़ी बात यह थी कि वह ने लोगों को सीधे शब्दों में बताया कि कैसे उनकी योजनाएं सामाजिक और आर्थिक रूप से फायदेमंद होंगी। इससे सामान्य जनता को भी समझने में कोई कठिनाई नहीं हुई और उन्हें सरकार के प्रति अपना विश्वास बनाए रखने में सहारा मिला।
2. बजट भाषण की दीर्घकालिकता
2.1 सबसे लंबा बजट भाषण
सीतारमण के बजट भाषण ने इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बना दिया, क्योंकि यह सबसे लंबा बजट भाषण था जो कि 2 घंटे 42 मिनट तक चला। इससे यह साबित हुआ कि सीतारमण ने अपनी योजनाओं को लोगों के सामने बहुत विस्तृत रूप से प्रस्तुत करने का समय निकाला और उन्हें योजनाओं के पूरे परिप्रेक्ष्य में समझाने का मौका दिया।
2.2 छोटे बजट भाषण का आश्चर्य
इसके उलट, गुरुवार को उन्होंने अपना छठा बजट पेश किया जो कि अबतक का सबसे छोटा बजट भाषण था। इससे यह प्रतित हुआ कि सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले आने वाले बजट में विशेषज्ञता और संवेदनशीलता दिखाई।
3. लोकसभा चुनाव से पहले की उम्मीदें
3.1 लोकलुभावन घोषणाएं
जनता लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न लोकलुभावन घोषणाओं की आस में थी, और सीतारमण को इसका सामर्थ था। उनके बजट भाषण ने लोगों को नए योजनाओं और सुधारों की आशा दिलाई, लेकिन वह इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स के संबंध में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद में थे जो उन्हें नहीं मिला।
3.2 इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स की आशा
लोग इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स की तरफ उम्मीद से थे कि सीतारमण उनकी स्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें कुछ राहत प्रदान करेंगी, लेकिन बजट भाषण में उन्होंने इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया। यह निराशा जता ईस लेख का मुख्य बिन्दु था।
4. बजट भाषण की निराशा
4.1 टैक्स स्लैब में कटौती का अभास
इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स ने सीतारमण से टैक्स स्लैब में कटौती की आशा की थी, लेकिन उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने किसी भी तरह के बदलाव का सामर्थ्य नहीं दिखाया।
4.2 इंडिविजुअल इनकम पर कोई बदलाव नहीं
बजट भाषण में सीतारमण ने इंडिविजुअल इनकम पर किसी भी तरह के बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया, जिससे इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स को बड़ी निराशा हुई।
बजट भाषण का मैसेज
वैसे, सरकार ने इस बजट से बड़ा मैसेज भी दिया है। उसने दिखाया है कि वह लोगों को लुभाने के लिए बजट को चुनावी हथकंडा नहीं बनाएगी। इसके जरिये यह भी दर्शाया गया है कि जनकल्याणकारी स्कीमों का ऐलान करने के लिए उसके पास सिर्फ बजट में ही एक मंच नहीं है।
यहां कुछ बड़े ऐलान हैं जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए किए:
- आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया।
- कॉर्पोरेट टैक्स की दर को 22% से घटाकर 21% करने की घोषणा की गई।
- कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।
- फसल बीमा योजना का विस्तार किया गया।
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए लोन सीमा को बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये किया गया।
- महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई घोषणाएं की गईं।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया।
- डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं की गईं।